दुआएं है चौवालिस अबकी बारी चार हो जाये,
चुनावों में मेरे भारत मे फिर त्यौहार हो जाये,
मिली पहचान मजबूती हमें जो विश्व मे फिर से,
दिलाने वाली वो सम्मान फिर सरकार हो जाये,
कई सालों घोटालों से नहीं जो कर सके बेहतर,
की धूमिल देश की गरिमा, गिराया विश्व मे स्तर,
जो सपना देखते है जीत का अपने अनाडी की,
उन्हीं से देश मुक्ति का स्वपन साकार हो जाये,
चुनावों में मेरे भारत मे फिर त्यौहार हो जाये,
मिली पहचान मजबूती हमें जो विश्व मे फिर से,
दिलाने वाली वो सम्मान फिर सरकार हो जाये,
कई सालों घोटालों से नहीं जो कर सके बेहतर,
की धूमिल देश की गरिमा, गिराया विश्व मे स्तर,
जो सपना देखते है जीत का अपने अनाडी की,
उन्हीं से देश मुक्ति का स्वपन साकार हो जाये,