Saturday 8 December 2018

दुनिया मे आतंकवाद की वो पहली पहचान,
गोली बम बारूद मे माहिर है जिसकी संतान,
रहता चैन से न खुद हमको रहने दे दिन रात,
नाम को मेरा मुल्क पडोसी कायर पाकिस्तान,

पत्थर और बंदूक थमाकर ये बच्चों के हाथ,
चुहों जैसे आंख बचाकर करता हमपर घात,
अब जो इसने छुपके मारे देश के कई जवान,
हमने भी घर घुसके इसके बना दिया शमशान,
नाम को मेरा मुल्क पडोसी कायर पाकिस्तान...

बिकने को तैयार है जो था लड़ने को तैयार,
नीलामी के छोर पे उसका मौत का कारोबार,
बदल चुका हूँ नाटक सबको दिखा रहा हैं जो,
वो है उसका नौ सौ खाकर हज जाने का प्लान,
नाम को मेरा मुल्क पडोसी कायर पाकिस्तान...

देश विरोधी अपने भारत मे कुछ ऐसे जिंदा है,
आतंकी की मौतों पे वो दगाबाज शर्मिंदा हैं,
मांग रहे है भारत मे ही भारत से जो आजादी,
उन लातों के भूतों का हो लातों से सम्मान,
नाम को मेरा मुल्क पडोसी कायर पाकिस्तान...

Saturday 1 December 2018

हिंदोस्तां का सच्चा वफादार मै ही हूँ,
कब्रों से पूछ, अस्ल जमींदार मै ही हूँ,
दरिया के साथ वो तो समंदर मे बह गया,
मिट्टी मे मिलके मिट्टी का हकदार मै ही हूँ,

--Famous Urdu Poet
https://youtu.be/wHgxdqtBOLk

वो जमीं के चंद गज, घेरे यहां सोते रहे,
इस जमींदोजी को मिट्टी से वफा कहते रहे,
भूल है उनकी कि, हम दरिया मे मिलके खो गये,
हम हवा पानी मे घुलकर, देश मे बहते रहे,