Thursday, 20 October 2022

कुछ तेरा कुछ मेरा ऊपर बाकी है

महल किसी के सड़क किसी के हिस्से हैं,

किसी की नींदें किसी की चादर बाकी है,

कौन यहां पर सब कुछ लेकर आया है,

कुछ तेरा कुछ मेरा ऊपर बाकी है।


--कृपाल

No comments:

Post a Comment