शब्द सबकुछ तो कह नहीं सकते
खोल हर दिल की तह नहीं सकते
भावनाओं के ज्वार भाटों में
संतुलन में तो रह नहीं सकते
साथ कुछ दिन या कुछ जनम का हो
दूर कुछ पल भी रह नहीं सकते
कल जो होगा देखा जायेगा
कल की हम आज कह नहीं सकते
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