Wednesday, 11 December 2024

दूर कुछ पल भी रह नहीं सकते


शब्द सबकुछ तो कह नहीं सकते

खोल हर दिल की तह नहीं सकते

भावनाओं के ज्वार भाटों में

संतुलन में तो रह नहीं सकते


साथ कुछ दिन या कुछ जनम का हो

दूर कुछ पल भी रह नहीं सकते

कल जो होगा देखा जायेगा

कल की हम आज कह नहीं सकते

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