Tuesday 14 February 2023

Pulwama Ka Dard

 आज पड़ोसी कुत्ते ने फिर छुपकर हमको काटा है,

पुलवामा की सडक को उसने मेरे खून से पाटा है,

आंसू दिल मे खौल रहे हैं, आग लगी है आंखों मे,

प्रेमदिवस पर लाशों को उपहार बनाकर बांटा है।।


मरने वालों की संख्या, क्या पूरी भी हो सकती है,

दूर गिरी है घर पर जो, उन लाशों की क्या गिनती है।

आने वाली होली मे, उस घर का मंजर क्या होगा,

बाप भाई या बेटा जब, तश्वीरों मे लटका होगा,


खादी वाले गधे एक दो, आज भी खुलके रेंक रहे,

कईं चित्ताऔ की गर्मी मे, राजनीति वो सेंक रहे,

जिनको नहीं दिखाई देते, शव जो केवल टुकड़े हैं,

वो दिल के ऐसे नंगे है, खाल पे जिनके कपडें है।।


बदला चीख रही है क्रोधित आज आत्मा भारत की,

घर मे घुसकर हमलें को पहचान बना दो भारत की,

निंदा वाली तोप नहीं और न गांधी की बोली हो,

कुछ घंटों बस सेना के आजाद हाथ मे गोली हो,


मरने वाले सैनिक को, सम्मान दिला दो मोदी जी,

छप्पन वाली छाती फिर, एकबार दिखा दो मोदी जी।।


--कृपाल