नज़र हटाना भी इनसे मुश्किल है इतनी प्यारी तुम्हारी आंखें
असर मिटाना भी जिसका मुश्किल है, अजब खुमारी तुम्हारी आंखें
हर एक घायल हर एक बेबस हर ओर आहों का शोर है बस
हर एक जिसका हुआ है कैदी, वो जेल प्यारी तुम्हारी आंखें
कुछ और काजल लगाकर इनको कुछ और कातिल बना दिया है
अचूक है इनका हर निशाना, गज़ब शिकारी तुम्हारी आंखें
खुदा की कुदरत या एक शरारत, बनाया इनको नशे की आदत
जहां में सुंदर है और भी पर, सभी पे भारी तुम्हारी आंखें
हर आंख महफिल में चोरी छुपकर, बस आंख इनसे मिला रही है,
हर आंख सपना यह देखती है, हो इनको प्यारी हमारी आंखें
--कृपाल😎
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