Monday 29 April 2019

हिन्दू

हम प्रेम शान्ति के संवाहक, हम शौर्य शक्ति के सिंधु है,
स्वधर्म हमारा स्वाभिमान, है गर्व हमें हम हिन्दू है।

हम मर्यादा पुरूषोत्तम भी, हम लीलाधर गोपाल भी हैं,
वामन अवतारी सूक्ष्म भी हम, नरसिंह जैसे विकराल भी हैं।
हम आर्यभट्ट चाणक्य चरक, नानक गौतम हम महावीर
हम तुलसी सूर कबीर भी है, हम हैं दधीचि से दानवीर,
हम पुत्र श्रवण आज्ञाकारी, हम भरत लक्ष्मण बंधु हैं
स्वधर्म हमारा स्वाभिमान, है गर्व हमें हम हिन्दू है।

आतिथ्य हमारी परम्परा, अतिथि हम देव समझते है
हम प्राण गंवाकर भी अपने वचनों की रक्षा करते है,
आचार्य हमारे वेद ग्रंथ गीता मानस हम पढ़ते हैं
ज्योतिष खगोल साहित्य गणित हर क्षेत्र में कीर्ति गढ़ते हैं
हर ज्ञान कला विज्ञान विधा के मूल मे स्थित बिंदु हैं
स्वधर्म हमारा स्वाभिमान, है गर्व हमें हम हिन्दू है।

भू-नभ जल वायु अग्नि की हम, पूजा संरक्षण करते है,
ये देह हमारी पंचतत्व, इनको ही अर्पण करते है
स्थान उचित सम्मान उचित, समभाव धर्म सब रखते है
निजधर्म की रक्षा ध्येय मगर, अतिक्रमण कभी न करते है
हम दया क्षमा के परिचायक, संवेदनशील सहिष्णु है
स्वधर्म हमारा स्वाभिमान, है गर्व हमें हम हिन्दू है।

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