Wednesday 11 March 2020


यूं समझिए दोस्ती एक तोड़ देंगे,
जब धुंए से बात करना छोड़ देंगे।।
मशवरा खुद का भी रखो फैसले में,
लोग कहकर बात का रुख मोड़ देंगे,
मंजिलों की दौड़ में मसरूफ हैं जो,
लुत्फ रस्ते का मुसाफिर छोड़ देंगे,
हमसफ़र कोई नहीं रहता हमेशा,
रास्ते कदमों को एकदिन मोड़ देंगे,
दो कदम दोनों बढायें साथ में तो,
दो कदम एकदिन किनारे जोड़ देंगे,
--कृपाल 😎

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