Monday 5 April 2021

 

किसी की जागती किसी की सो रही होगी

किस्मतें सबकी खुराफात बो रही होगी

अपनी किस्मत पे न इतरा ऐ जिन्दा बकरे

छुरी तेरी भी कहीं तेज हो रही होगी।

-- कृपाल😎

No comments:

Post a Comment