कल कुछ करने की चाहत में कल तक कुछ ना कर पाएगा,
कल से कल की दौड़ में फंसकर आज बेचारा मर जाएगा
आगे आगे दौड़ के सबसे पहले मंजिल पा लेगा पर,
आगे आगे दौड़ के मंजिल पार अकेला डर जाएगा
चार लोग की बातें केवल चार लोग ही समझेंगे,
चार लोग की बातें कोई दिल से भी क्या कर पाएगा
पाप पुण्य की जोड़ तोड़ में पाप पुण्य ही भूल गए,
पाप पुण्य की जोड़-तोड़ में पाप पुण्य का भर जाएगा,
--कृपाल
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