Thursday 1 August 2019

मैं हूँ
तुम हो
हम हैं
सब है।।
ना तुम
ना मैं
फिर हम
कब हैं।।
दो मन
दो तन
एक जां
जब है।।
एक मै
एक तुम,
ग्यारह
तब हैं।।
ये है,
वो है,
सबकुछ
छल है।।
कल हो,
ना हो,
जीवन,
पल है।।

No comments:

Post a Comment