वो तेरा राजमा
चावल, नहीं था खास जिसका
स्वाद,
हटाया गाल से
तेरे, इसलिए आज
तक है याद,
वो तेरी चैन
साइकिल की, नहीं
करने की कोई बात
फंसी कुछ इसतरह
चुनरी, रह गया आज तक
जो याद
कैमिस्टी की वो
कोचिंग क्लास, दिलो
मे कैद जिसकी
याद,
तूझे गाने की
सूरत मे, जब कहा चौदहवीं
का चांद
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