हर तरह के रोग का उपचार होना चाहिए,
दर्द से हर मुक्त ये संसार होना चाहिए,
इश्क मे गालिब कोई फिर से निक्कमा न बने,
प्यार के टीके का अविष्कार होना चाहिए,(FB)
दर्द से हर मुक्त ये संसार होना चाहिए,
इश्क मे गालिब कोई फिर से निक्कमा न बने,
प्यार के टीके का अविष्कार होना चाहिए,(FB)
बहुत अनजान हूँ,
मैं शायरी गीतों
से गजलों से,
ये दिल का
हाल है, जो गा के
तुमसे कह रहा हूँ मै,
न देना दाद
तुम चाहे, बडी
कोई शायरी जैसे,
मगर जो दिल
को छू जाए, तो थोड़ा
मुस्कुरा देना।।(FB)
यूँ तो कहने
को कई साल, बडा हो
चुका हूँ मै
मगर वो उम्र
सत्रहवीं जो कभी
छूटती नहीं,
तूझें जो कह
न पाये उस बरस कई
कोशिशों मे भी
उसी कोशिश की
फिर खवाहिश मुक्कमल
टूटती नही(FB)
रही कई रात
आँखों में, मेरे
मीठी सी बैचेनी
मेरी आँखों मे
आँखें डाल कर, कुछ कह
गये जो तुम
रहा एहसास चीनी
सा, कई दिन होंठ पे
मेरे,
मेरे होंठों को
होंठों से, जो थोडा छू
गए थे तुम।।(FB)
शराबों का तेरी
यादों से, झगड़ा
है बहुत गहरा,
एक चढती नहीं,
एक उतरती नहीं।।(FB)
नशा भरपूर करने
की, तलब मे की है
तैयारी,
तेरी यादों की
पोथी खोल के मैं साथ
बैठा हूँ,
रहेगा होश न
कायम, सुबह तक जानते हैं
हम
तेरी यादों के
बीचोबीच, सारी रात
बैठा हूँ ।।(FB)
अपनी किस्मत पे
न इतरा, ऐ जिंदा बकरे,
छुरी तेरे लिए
भी तेज, कहीं
हो रही होगी
हुनर बेकार सब
होगें, हुनर के सामने उसके,
तुझे तेरी ही
ताकत से, वो
"बाली" है हरायेगी,(FB)
बेजान से हो
जाते थे, जिसे
देखकर ही हम,
मेरी पहली जान,
बहुत जानदार थी
।।(FB)
बहुत आते थे
मेरे घर, मोहल्ले
के सभी घायल,
मेरे दोनो पडोसो़
मे, कुछ ऐसे लोग रहते
थे ।।
आधी वाली विदा
हुयी, थाम के जब पूरे
का हाथ,
खुलकर जीजा रो
न पाये, जीजी
खडी हुयी थी साथ।।(FB)
मुझको उसके प्यार
का चक्कर, चक्कर
पे चक्कर कटवाये,
तबके गिरे उठे न अबतक, मुझसे वो ऐसे टकराये,
गुजरे जो एक
बार फिर, मेरी
गली से वो,
सालों का वक्त,
चंद पलों मे गुजर गया
।
पहचान भी लिया
, और हंसे भी जरा सा
वो,
सालों का वक्त,
मेरी उमर से निकल गया
।।
ये मेरा अक्स
छोटा सा, छुपा
है चोर ये रुस्तम,
हंसी से खेल से अपने, चुरा लेता है सारे गम।।(FB)
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